यह प्रेम सदा भरपूर रहे
हनुमान तुम्हारे चरणो में
यह अर्ज मेरी मंजूर रहे
हनुमान तुम्हारे चरणो में
यह प्रेम सदा भरपूर रहे
यह प्रेम सदा भरपूर रहे
निज जीवन की यह डोर तुम्हे
सौपी है दया कर इसको धरो
उद्धार करो ये दास पड़ा
हनुमान तुम्हारे चरणों में
यह प्रेम सदा भरपूर रहे
संसार मै देखा सार नहीं
तभी चरणों की शरण गई
भवबन्ध कटे ये विनती है
हनुमान तुम्हारे चरणों मै
यह प्रेम सदा भरपूर रहे
आँखों में तुम्हारा रूप रमे
मन ध्यान तुम्हारे में मगन रहे
धन अर्पित निज सब कर्म करे
हनुमान तुम्हारे चरणों मै
यह प्रेम सदा भरपूर रहे
"अभी सब्सक्राइब करें और भजन के बोल (Lyrics) सीधे अपने मोबाइल पर पाएं!