तुम उठो सिया सिंगार करो,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
सीता से नाता जोड़ा है,
तुम उठो सिया सिंगार करों,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
शीश सिया के चुनर सोहे, टिके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करों, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
हाथ सिया के चूड़ी सोहे, कंगन की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करों, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
कमर सिया के तगड़ी सोहे, झुमके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करों, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
पैर सिया के पायल सोहे, बिछिया की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करों, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है, सीता से नाता जोड़ा है,
तुम उठो सिया सिंगार करों, शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥
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