तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना
मुश्किल में है दास तेरा अब जल्दी आओ ना
हारे के सहारे मेरे हारे के सहारे मेरी हार हराओ ना
अंधेरो की नगरी से कैसे मैं पार जाओ
श्याम अब लेने आजा हौसला हार ना जाऊ
श्याम आजा श्याम आजा श्याम आजा
तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना
मुश्किल में है दास तेरा अब जल्दी आओ ना
हारे के सहारे मेरे हारे के सहारे मेरी हार हराओ ना
तूफानों में घर लिया मुझे अब राह नजर ना आवे
तुम बिन कौन मेरा जो मेरी ब्याह पकड़ ले जावे
तूफानों में घर लिया मुझे अब राह नजर ना आवे
तुम बिन कौन जो मेरी ब्याह पकड़ ले जावे
भटक रहा राहो में बाबा पार लगाओ ना
तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना…
किसको रिश्ते गिनवाऊँ किसे जात बताऊँ मैं
क्या क्या जखम दिए जग ने किसे जाके बताऊँ मैं
बिन कुछ पूछे श्याम हमारा कष्ट मिटाओ ना
तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना…
अंजानी नगरी में सब अनजाने लगते है
हम तो तेरी याद रो रो राते जागते है
बहता इन आँखों से बाबा नीर थमाओ ना
तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना…
कृष्णा को जिसने दान दिया उस दानी के आगे
हमने सुना तेरा नाम लिए से संकट सब भागे
छोटू की विपदा को बाबा आग लगाओ ना
तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना
मुश्किल में है दास तेरा अब जल्दी आओ ना
हारे के सहारे मेरे हारे के सहारे मेरी हार हराओ ना
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