Visarjan

रामायण विसर्जन

कथा विसर्जन होत है , सुनहु वीर हनुमान ।निज आसन को जाइके , कृपा सिन्धु भगवान ।। हरिसन कहियो दण्डवत , तुन्हहिं कहो कर जोर । बार – बार रघुनायकहि