मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ, हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे… तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया, आकर
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ, हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे… तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया, आकर