Janamashtami Bhajan

वो काला एक बांसुरी वाला

वो काला एक बांसुरी वाला, सुध बिसरा गया मोरी रे माखन चोर जो नंदकिशोर वो कर गयो मन की चोरी रे सुध बिसरा गया मोरी वो काला एक बांसुरी वाला