संकट मोचन हनुमानाष्टक

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तनहुं लोक भयो अंधियारों। ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो। देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो