प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो

प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो

प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो, समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार करो। एक लोहा पूजा में राखत, एक घर बधिक परो, सो दुविधा पारस नहीं देखत, कंचन करत