संतन के संग लाग

संतन के संग लाग री तेरी अच्छी बनेगी।
होय तेरो बड़ो भाग री तेरी अच्छी बनेगी।

काग से तोहे हंस करेंगे,
मिट जाये उर का दाग री।

मोह निशा में बहुत दिन सोये,
जाग सके तो जाग री।

सुत वित नारी तीन आशाएँ,
त्याग सके तो त्याग री।

कहत कबीर सुनो भाई साधो,
जाग सके तो जाग री।

संतन के संग लाग री तेरी अच्छी बनेगी।

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