नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो।
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो।
लक्ष्मण सा भाई हो, कौशल्या माई हो,
स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो।
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो।
त्याग भरत जैसा, सीता सी नारी हो,
लव-कुश के जैसी संतान हमारी हो।
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो।
श्रद्धा हो श्रवण जैसी, शबरी सी भक्ति हो,
हनुमान के जैसी निष्ठा और शक्ति हो।
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो।
Total Views: 208
"अभी सब्सक्राइब करें और भजन के बोल (Lyrics) सीधे अपने मोबाइल पर पाएं!
Related Posts

मेरी नैया में लक्षमण राम ओ गंगा मैया धीरे बहो मेरी नैया में लक्षमण राम ओ गंगा मैया धीरे बहो,…

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो कनक भवन दरवाजे पड़े रहो, जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो। कनक भवन दरवाजे पड़े रहो,…

झुक जइयो तनक रघुवीर झुक जइयो तनक रघुवीर, सिया मेरी छोटी है, सिया मेरी छोटी, लली मेरी छोटी, तुम हो…

रामजी की निकली सवारी सर पे मुकुट सजे, मुख पे उजाला, हाथ धनुष, गले में पुष्प माला। हम दश इनके,…

राम जैसा नगीना नही सारे जग की बजरियां में नील मणि ही जडाऊ गी अपने मन की मुदरिया में राम…

पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम ॥ “जिसको छोड़ोगे, पलभर में डूब जाएगा” पार…

दोहा: राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत समय पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट। तेरे मन में…

सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये। जाहि विधि रखे, राम ताहि विधि रहिये॥ मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में।…

ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियाँ॥ किलकि किलकि उठत धाय गिरत भूमि लटपटाय। थाय मात गोद लेत दशरथ की रनियाँ॥ पहला…

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख, कर कञ्ज पद कञ्जारुणम्॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि,…