म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ, आओ जी गजानन आओ ।।

श्लोक – सदा भवानी दाहिनी, सनमुख रहे गणेश।
पांच देव रक्षा करे, ब्रम्हा विष्णु महेश।।

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ।।

ॐ गण गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः, गणपती बप्पा मोरया।

रणत भंवर से आओ जी गजानन, रिद्धि सिद्धि ने संग प्रभु लाओ,
आओ जी गजानन आओ।।

ॐ गण गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः, गणपती बप्पा मोरया।

पार्वती के पुत्र गजानन, भोले शंकर के मन भाओ
आओ जी गजानन आओ।।

ॐ गण गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः, गणपती बप्पा मोरया।

हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी, थारे मौदक भोग लगावा,
आओ जी गजानन आओ।।

ॐ गण गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः, गणपती बप्पा मोरया।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हर्ष हर्ष गुण गाओ गुण गाओ,
आओ जी गजानन आओ।।

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ।।

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