Sundarkaand Paath

संपूर्ण सुंदरकांड पाठ

– श्लोक – कथा प्रारम्भ होत है । सुनहुँ वीर हनुमान ।। राम लखन जानकी । करहुँ सदा कल्याण ।। जामवंत के बचन सुहाए । सुनि हनुमंत हृदय अति भाए