Ram ji ke Bhajan

नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो

नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो लक्ष्मण सा भाई हो,कौशल्या माई हो स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल

कभी राम बनके, कभी श्याम बनके

कभी राम बनके, कभी श्याम बनके, चले आना, प्रभुजी चले आना॥ॐ॥ कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना, प्रभुजी चले आना॥ॐ॥ तुम राम रूप में आना, तुम राम रूप