दुनिया चले ना श्री राम के बिना दुनिया चले ना श्री राम के बिना
दुनिया चले ना श्री राम के बिना दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना। जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने
दुनिया चले ना श्री राम के बिना दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना। जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने
राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो ॥ लोक दर्शन को चल आये सुहाना हो तो ऐसा
चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़, तुलसीदास चन्दन घिसे तिलक करत रघुवीर… चित्रकूट के घाट घाट पर भिजनी जोवे बाट, राम पिर घर आना, राम मेरे घर आना…
दाता नहीं है श्री राम के जैसा, सेवक नहीं है हनुमान के जैसा || आंख उठा कर देखा जग में सारा जगत भिखारी, काम क्रोध मद लोभ मोह में लिपटे
मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥ मैं तो खाख था जरा सी, मेरी और क्या थी हस्ती, मैं
भजमन राम चरण सुखदाई, भजमन राम चरण सुखदाई ॥ जिहि चरननसे निकसी सुरसरि संकर जटा समाई । जटासंकरी नाम परयो है त्रिभुवन तारन आई ॥ भजमन राम चरण सुखदाई, भजमन
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली । कृष्ण नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली । ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊँ गली
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो चरन हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो। नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो। लक्ष्मण सा भाई हो, कौशल्या माई
प्रभु केवट की नाव चढ़े कभी कभी भगवान को भी भक्तो से काम पड़े । जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े ॥ अवध छोड़ प्रभु वन को
मुझे दास बनाकर रख लेना, भगवान तू अपने चरणों में, मुझे दास बनाकर रख लेना, भगवान तू अपने चरणों में, भगवान तू अपने चरणों में, भगवान तू अपने चरणों में,