हनुमान चालीसा – ज्ञान गन सागर जय कपीस तिहु लोक उजागर श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।...