राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी, राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी, राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी, आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी, राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥ राधा मेरी चंदा, चकोर है बिहारी,
राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी, राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी, आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी, राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥ राधा मेरी चंदा, चकोर है बिहारी,
घायल हो गई पल में, गजरा गिर गया जमुना जल में, जमुना के तट पर, मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने, की गजरा गिर गया जमुना जल में।। लेने गगरिया गई
ना जाने कौन सें गुण पर, दयानिधि रीझ जाते है, यही हरि भक्त कहते है, यही सदग्रंथ गाते है।। नही स्वीकार करते है, निमंत्रण नृप दुर्योधन का, विदुर के घर
शिव शम्भू सा निराला, कोई देवता नहीं है, जैसा भी है डमरू वाला, कोई देवता नहीं है।। सर पे बसी है गंगा, माथे पे चन्द्रमा है, नंदी की है सवारी,
– श्लोक – कथा प्रारम्भ होत है । सुनहुँ वीर हनुमान ।। राम लखन जानकी । करहुँ सदा कल्याण ।। जामवंत के बचन सुहाए । सुनि हनुमंत हृदय अति भाए
आओ आओ गजानन गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी शिव गौरा के लाड़ले गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी प्रथमे तुमको जो भी ध्यावे, रिद्धि सिद्धि
राम सिया राम सिया राम सिया राम जय, राम सिया राम सिया राम सिया राम जय बजरंगी की पूजा से सब काम होता है । हनुमान की पूजा से सब
सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ, बिन मांगे सारे फल पाओ ॥ ये ही है दुर्गा ये ही माँ काली, चाहे किसी भी रूप में मनाओ, बिन मांगे
लहर लहर लहरा गई रे, मेरी माँ की चुनरियाँ, माँ की चुनरियाँ, मेरी माँ की चुनरियाँ, लहर लहर लहरा गयी रे, मेरी माँ की चुनरियाँ ॥ उड़के चुनरिया बरसाने को
मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे, तेरे भक्त रे, ओ मेरी मैया मेरी मात रे, मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे, तेरे भक्त रे, ओ मेरी मैया मेरी मात रे