हनुमान लंका जला के चला है
अरे लंका वालो दशानन से कहदो के हनुमान लंका जला के चला है चुराते हो सीता मैया को छल से समझ लोबुराई अपनी बाला है अरे लंका वालो दशानन से
अरे लंका वालो दशानन से कहदो के हनुमान लंका जला के चला है चुराते हो सीता मैया को छल से समझ लोबुराई अपनी बाला है अरे लंका वालो दशानन से
कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान हमने दिल से नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान कैसे आएंगे
आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते है लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण तुम्हे श्री राम बुलाते है आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली लेके शिव रूप आना गजब हो गया त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी तेरा कलयुग में आना गजब गो गया
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना तेरी भक्ति का क्या कहना तेरी शक्ति का क्या कहना सीता खोजकरी तुमने सात समुंदर पार गये लंका को किया
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है, संकट हरने वाले को हनुमान कहते है | हो जाते है जिसके अपने पराये हनुमान उसको कंठ लगाये, जब रूठ जाये संसार सारा
शिरडी वाले साईं बाबा, आया है तेरे दर पे सवाली, लब के दुआएँ आँखों में आँसू, दिल में उम्मींदें पर झोली खाली, शिरडी वाले साईं बाबा, आया है तेरे दर
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है। आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है। चंदा की चमक सूरज की महक तारों में समाने वाली
मैं तो दीवाना भोले का दीवाना, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, रहता था अलग सबसे दुनिया से कर किनारा,
भर दो झोली मेरी शेरोवाली लौट कर मैं ना जाऊंगी खाली तुम्हारी भक्ति से जमाना क्या नहीं पाता कोई भी दर से खाली मांगने वाला नहीं जाता भर दो झोली