Bhajan

सुनी है गोकुल नगरिया

सुनी है गोकुल नगरिया, आजा आजा सावरिया, बरसाने में रसिक बुलाये, ग्वाल बाल सब मिल जुल आये, सखिया देखे डगरिया, आजा आजा सावरिया, सुनी है……. ऐसी प्रीत लगी मनमोहन, तेरे

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषण, ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं, मुझ

यह प्रेम सदा भरपूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में

यह प्रेम सदा भरपूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में यह अर्ज मेरी मंजूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में यह प्रेम सदा भरपूर रहे यह प्रेम सदा भरपूर रहे निज जीवन

लाल लंगोटो हाथ मे घोटो

लाल लंगोटो हाथ मे घोटो, थारी जय जो पवन कुमार, मैं वारि जाऊँ बालाजी शुभ दिन मंगलवार को थारो भगत करे गुणगान , मैं वारि जाऊँ बालाजी।। मेवा मिठाई चढ़े

मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिए चारी राम सिया राम सिया राम