काली काली अमावस की रात मैं
काली काली अमावस की रात मैं काली निकली काल भैरव की साथ मैं ये अमावस की रात बड़ी काली, घूमने निकली माता महाकाली, एक दानव का मुंड लिये हाथ में
काली काली अमावस की रात मैं काली निकली काल भैरव की साथ मैं ये अमावस की रात बड़ी काली, घूमने निकली माता महाकाली, एक दानव का मुंड लिये हाथ में
सुनी है गोकुल नगरिया, आजा आजा सावरिया, बरसाने में रसिक बुलाये, ग्वाल बाल सब मिल जुल आये, सखिया देखे डगरिया, आजा आजा सावरिया, सुनी है……. ऐसी प्रीत लगी मनमोहन, तेरे
सामने आओगे या आज भी पर्दा होगा, रोज़ अगर ऐसा ही होगा तो कैसा होगा । मौत आती है तो आ जाए कोई गम ही नहीं, वो भी तो आएगा
आना पवन कुमार हमारे हरी कीर्तन में लिरिक्स आना पवन कुमार हमारे हरी कीर्तन में, आना अंजनी के लाल हमारे हरी कीर्तन में, आप भी आना संग में रामजी लाना,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषण, ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं, मुझ
तूने लंका जलाई करामात हो गई लांघे सात समंदर ओये क्या बात हो गई तूने लंका जलाई करामात हो गई आये बन के धुरंधर ओये क्या बात हो गई तूने
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना लिरिक्स कहेते है लोग इसे राम का दीवाना ॥ पाँवो मे घुंगूरू बाँध के नाचे , रामजी का नाम इन्हे बड़ा प्यारा लागे ।
यह प्रेम सदा भरपूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में यह अर्ज मेरी मंजूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में यह प्रेम सदा भरपूर रहे यह प्रेम सदा भरपूर रहे निज जीवन
लाल लंगोटो हाथ मे घोटो, थारी जय जो पवन कुमार, मैं वारि जाऊँ बालाजी शुभ दिन मंगलवार को थारो भगत करे गुणगान , मैं वारि जाऊँ बालाजी।। मेवा मिठाई चढ़े
मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिए चारी राम सिया राम सिया राम