बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी
दरबार तेरा, दरबारों में, एक ख़ास अहमियत रखता है, उसको वैसा मिलता है, जो जैसी नियत रखता है॥ बड़ा प्यारा सजा है तेरा, द्वार भवानी, जहाँ भक्तों की लगी है
दरबार तेरा, दरबारों में, एक ख़ास अहमियत रखता है, उसको वैसा मिलता है, जो जैसी नियत रखता है॥ बड़ा प्यारा सजा है तेरा, द्वार भवानी, जहाँ भक्तों की लगी है
माँ शारदा, तुम्हे आना होगा, वीणा मधुर बजाना होगा, मेरे मन मंदिर में, मैया, आना होगा, माँ शारदा, तुम्हे आना होगा। सा रे ग म प ध नि सा, मैया,
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। उड़के चुनरिया कैलाश पर, पहुँची गौराजी के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। पवन उड़ा के ले