Mata Ji ke Bhajan

तरस रही है तेरे दरस को

तरस रही है तेरे दरस को, कबसे मेरी नजरिया माँ, कबसे मेरी नजरिया, ओ शेरावाली ओ जोतावाली, अब तो ले ले खबरिया, तरस रही हैं तेरे दरस को, कबसे मेरी

मुझे रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया सतरंगी

मुझे रंग दे ओ रंगरेज, चुनरिया सतरंगी, मुझे रंग दे ओ रंगरेज, चुनरिया सतरंगी, मैया को जाके ओढ़ाऊँ, चुनरिया सतरंगी ॥ चुनरिया सतरंगी, जय माँ चुनरिया सतरंगी, जय माँ चुनरिया

अम्बे तू है जगदम्बे काली

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती। तेरे भक्त जानों पर मैया, भीड़ पड़ी है भारी,

तेरा दर तो हकीकत में दुखियों का सहारा है

दरबार तेरा दरबारों में, कुछ खास अहमियत रखता है, और जिसको जितना मिलता है, वो जैसी नियत रखता है। तेरा दर हकीकत में दुखियों का सहारा है, दरबार तेरा, मैया,