हनुमान तुम्हारा क्या कहना
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना तेरी भक्ति का क्या कहना तेरी शक्ति का क्या कहना सीता खोजकरी तुमने सात समुंदर पार गये लंका को किया
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना तेरी भक्ति का क्या कहना तेरी शक्ति का क्या कहना सीता खोजकरी तुमने सात समुंदर पार गये लंका को किया
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है, संकट हरने वाले को हनुमान कहते है | हो जाते है जिसके अपने पराये हनुमान उसको कंठ लगाये, जब रूठ जाये संसार सारा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। जय हनुमान