श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषण, ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं, मुझ
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषण, ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं, मुझ
तूने लंका जलाई करामात हो गई लांघे सात समंदर ओये क्या बात हो गई तूने लंका जलाई करामात हो गई आये बन के धुरंधर ओये क्या बात हो गई तूने
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना लिरिक्स कहेते है लोग इसे राम का दीवाना ॥ पाँवो मे घुंगूरू बाँध के नाचे , रामजी का नाम इन्हे बड़ा प्यारा लागे ।
यह प्रेम सदा भरपूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में यह अर्ज मेरी मंजूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में यह प्रेम सदा भरपूर रहे यह प्रेम सदा भरपूर रहे निज जीवन
लाल लंगोटो हाथ मे घोटो, थारी जय जो पवन कुमार, मैं वारि जाऊँ बालाजी शुभ दिन मंगलवार को थारो भगत करे गुणगान , मैं वारि जाऊँ बालाजी।। मेवा मिठाई चढ़े
मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिए चारी राम सिया राम सिया राम
हे दुःख भन्जन मारुती नंदन सुन लो मेरी पुकार पवनसुत विनती बारम्बार अष्ट सिद्धि नव निद्दी के दाता, दुखिओं के तुम भाग्यविदाता सियाराम के काज सवारे, मेरा करो उधार पवनसुत
फ़िल्मी तर्ज – आये हो मेरी जिंदगी में तुम बहार बनके भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये चीर दिया सीना… सियाराम नजर आए भक्ति के रंग में रंगे,
जो खेल गए प्राणो पे जो खेल गए प्राणो पे श्री राम के लिए इक बार तो हाथ उठा दो मेरे हनुमान के लिए सागर को लांघ के इसने सीता
हवा में उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा लिरिक्स अंजलि का लाला बड़ा मतवाला हवा में उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा एक दिन देखा मैंने अवधपुरी में अवधपुरी में