Bhole Baba Ke Bhajan

शिव तो ठहरे सन्यासी गौरां पछताओगी

शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरां पछताओगी भोला योगी संग कैसे, अरे जिंदगी बिताओगी शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरां पछताओगी ऊँचे ऊँचे पर्वत पर, शिव जी का डेरा है नंदी की

तेरे डमरू की धुन सुनकर

तेरे डमरू की धुन सुनकर, तेरे दरबार आया हूं।। कृपा कर दे मेरे बाबा, कृपा कर दे मेरे भोले, मैं यह अरदास लाया हूं।। शरण में हूं तेरी बाबा, कृपा

शिव कैलाशों के वासी

शिव कैलाशों के वासी शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा। शंकर संकट हरना, शंकर संकट हरना। तेरे कैलाशों का अंत ना पाया, अंत बेअंत तेरी माया। ओ भोले बाबा,

डम डम डमरू बजाना होगा

डम डम डमरू बजाना होगा, भोले मेरी कुटिया में आना होगा। 🌿 सावन के महीने में, गंगा जल लायेंगे, वही गंगाजल, हम भोले को चढ़ायेंगे। फिर तो भजन और कीर्तन

आ लौट के आजा भोलेनाथ तुझे माँ गौरा बुलाती है

आ लौट के आजा भोलेनाथ तुझे माँ गौरा बुलाती है। तेरा सुना पड़ा रे कैलाश, तुझे माँ गौरा बुलाती है। आ लौट के आजा भोलेनाथ, तुझे माँ गौरा बुलाती है।

भोलानाथ अमली भोला शंकर अमली

भोलानाथ अमली, भोला शंकर अमली, बागॉं माय भांगडली घुटाय राखूंली। कॉंई बोऊँ काशीजी मं, कॉंई जी प्रयाग, कॉंई बोऊँ हर की पेडयॉं, कॉंई जी कैलास। भोलानाथ।। काशीजी मं केशर बोऊँ,