बिना चंदा रे बिना भाण

बिना चंदा रे, बिना भाण, सूरज बिन होया उजियारा रे
परलोका मत जाव, हेली, निरख ले यहीं उनियारो है

गूंगो गावे है बेराग, बेहरो रे सुनवा ने लाग्यो है
पांगलियो नाचे है नाच, आंधड़ियो नरखन लागो है
बिना चंदा रे, बिना भाण, सूरज बिन होया उजियारा रे….

गगन मंडल के बीच, तपे एक जोगी मतवालो है
नहीं वहां अगन बभूत, हेली, नहीं तो कोई तापन वालो है
बिना चंदा रे, बिना भाण, सूरज बिन होया उजियारा रे….

शून्य शिखर के बीच, मचो एक झगड़ो भारी है
नहीं कायर को यां काम, हेली, कायर को कईं पतियारो है
बिना चंदा रे, बिना भाण, सूरज बिन होया उजियारा रे…

गावे गुलाबी दास, खुल्या म्हारा ह्रदा रा ताला है
हेली, बोल्या भवानी नाथ, होया म्हारा घट उजियारा है
बिना चंदा रे, बिना भाण, सूरज बिन होया उजियारा रे….

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