Sangeeta Jhinjoria

श्री राधे गोविन्दा गोपाल

श्री राधे गोविन्दा गोपाल, राधा वर माधव हरे । मोरमुकुट सिर पेच विराजे, कानन में कुण्डल छविछाजे । ठोड़ी पै हीरा लाल, राधा वर माधव हरे ॥१॥ बड़ी बड़ी अंखियन

जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो

जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो, प्यारा प्यारा दरस दिखाया करो, जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो, मीठी मीठी मुरली सुनाया करो, जल्दी जल्दी सांवरे……. शिमला मसूरी

मेरी नैया भंवर में पड़ी

मेरी नैया भंवर में पड़ी मेरी नैया भंवर में पड़ी, तुमको आना पड़ेगा हरि, आज विपदा क्यों आन पड़ी, आज विपदा क्यों आन पड़ी, मुझे आके सम्भालो हरि, मेरी नईया

रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥ॐ॥

रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥ॐ॥ शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं । आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ॥ॐ॥ इति वदति तुलसीदास शंकर

नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो

नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो लक्ष्मण सा भाई हो,कौशल्या माई हो स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल