आंसू बहाना, श्याम के सिवा, कहीं दिल ना लगाना…
आंसू बहाना, श्याम के सिवा, कहीं दिल ना लगाना…… जो श्याम का गुणगान किया है, सच्चा जीवन वो ही जिया है, सुमिरन के बल से तुझे, सुमिरन के बल से
आंसू बहाना, श्याम के सिवा, कहीं दिल ना लगाना…… जो श्याम का गुणगान किया है, सच्चा जीवन वो ही जिया है, सुमिरन के बल से तुझे, सुमिरन के बल से
रोते रोते आते है हंसते हंसते जाते है रोते रोते आते है हंसते हंसते जाते है, करते पूरी आशा ओ सदा, मन से बुलाले तू दिल में बिठाले तू दूर
जा.. रे जा जा रे बदरा तू कान्हा के अंगना जा.. रे जा जा रे बदरा तू कान्हा के अंगना, तुझसे बोले ये राधा, किया कान्हा ने वादा, खड़ी यमुना
तर्ज – श्यामा आन बसों वृंदावन में मुझ पर भी दया की कर दो नज़र, ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर, कुछ दीनों के दुःख की लेलो खबर, ऐ श्याम सुंदर
श्री राधे गोविन्दा गोपाल, राधा वर माधव हरे । मोरमुकुट सिर पेच विराजे, कानन में कुण्डल छविछाजे । ठोड़ी पै हीरा लाल, राधा वर माधव हरे ॥१॥ बड़ी बड़ी अंखियन
जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो, प्यारा प्यारा दरस दिखाया करो, जल्दी जल्दी सांवरे बुलाया करो, मीठी मीठी मुरली सुनाया करो, जल्दी जल्दी सांवरे……. शिमला मसूरी
मेरी नैया भंवर में पड़ी मेरी नैया भंवर में पड़ी, तुमको आना पड़ेगा हरि, आज विपदा क्यों आन पड़ी, आज विपदा क्यों आन पड़ी, मुझे आके सम्भालो हरि, मेरी नईया
( बिछड़े अभी तो हम बस कल परसों, जिऊंगी मैं कैसे इस हाल में बरसों, राधा पुकारे मेरे श्याम कन्हाई, आजा देर लगाए॥ ) ओ बंसीवाले सांवरा बड़ी देर लगाए,
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥ॐ॥ शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं । आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ॥ॐ॥ इति वदति तुलसीदास शंकर
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो लक्ष्मण सा भाई हो,कौशल्या माई हो स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल