
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये। जाहि विधि रखे, राम ताहि विधि रहिये॥ मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में।…

ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियाँ॥ किलकि किलकि उठत धाय गिरत भूमि लटपटाय। थाय मात गोद लेत दशरथ की रनियाँ॥ पहला…

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख, कर कञ्ज पद कञ्जारुणम्॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि,…

मिलता है सच्चा सुख केवल, भगवान तुम्हारे चरणों में। यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों…

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नज़र तोहे लग जाएगी। तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका ।…