bhajanmanch

पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम

पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम ॥ “जिसको छोड़ोगे, पलभर में डूब जाएगा” पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम ॥ तैरना क्या जाने, पत्थर

प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो

प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो, समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार करो। एक लोहा पूजा में राखत, एक घर बधिक परो, सो दुविधा पारस नहीं देखत, कंचन करत

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तनहुं लोक भयो अंधियारों। ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो। देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो

भला किसी का कर न सको तो

भला किसी का कर न सको तो, भला किसी का कर न सको तो, बुरा किसी का न करना। पुष्प नहीं बन सकते तो तुम, कांटे बन कर मत रहना।