पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। उड़के चुनरिया कैलाश पर, पहुँची गौराजी के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। पवन उड़ा के ले
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। उड़के चुनरिया कैलाश पर, पहुँची गौराजी के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया। पवन उड़ा के ले
प्रथमे गौरा जी को वंदना, द्वितीये आदि गणेश, त्रितिये सुमीरु शारदा, मेरे कारज करो हमेश॥ तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश, तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो