जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी ॐ जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी ॐ जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ जो ध्यावे फल
राम नाम अति मीठा है, कोई गा के देख ले आ जाते है राम, कोई बुला के देख ले आ जाते है राम… जिस घर में अहंकार वहाँ, मेहमान कहाँ
काहे तेरी अंखियों में पानी, कृष्ण दीवानी मीरा, कृष्ण दीवानी। मीरा प्रेम दीवानी, मीरा कृष्ण दीवानी, दीवानी प्रेम दीवानी, मीरा प्रेम दीवानी। हस के तू पी ले विष का प्याला,
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती। तेरे भक्त जानों पर मैया, भीड़ पड़ी है भारी,
दरबार तेरा दरबारों में, कुछ खास अहमियत रखता है, और जिसको जितना मिलता है, वो जैसी नियत रखता है। तेरा दर हकीकत में दुखियों का सहारा है, दरबार तेरा, मैया,
तेरी छाया में, तेरे चरणों में, मगन हो बैठूं तेरे भक्तों में, तेरे दरबार में, मैया, ख़ुशी मिलती है। जिंदगी मिलती है, रोतों को हंसी मिलती है, एक अजब सी
दरबार तेरा, दरबारों में, एक ख़ास अहमियत रखता है, उसको वैसा मिलता है, जो जैसी नियत रखता है॥ बड़ा प्यारा सजा है तेरा, द्वार भवानी, जहाँ भक्तों की लगी है
माँ शारदा, तुम्हे आना होगा, वीणा मधुर बजाना होगा, मेरे मन मंदिर में, मैया, आना होगा, माँ शारदा, तुम्हे आना होगा। सा रे ग म प ध नि सा, मैया,