bhajanmanch

ये तो प्रेम की बात है उधो

ये तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है, यहाँ सर देके होते सौदे, आशिकी इतनी सस्ती नहीं है ॥ प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,

यशोमती मैया से बोले नंदलाला

यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला॥ यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला॥ बोली मुस्काती मैया, ललन को बताया कारी अंधियरी

श्री कृष्णा गोविंदा हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥ हे नाथ नारायण…॥ पितु मात स्वामी, सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥ हे नाथ नारायण…॥ ॥ श्री कृष्ण गोविन्द

छाप तिलक सब छीनी

छाप तिलक सब छिनी रे, मो से नैना मिलाई के, नैना मिलाई के, मो से साना मिलाई के, बात अधम कह दिनी रे, मो से नैना मिलाई के, छाप तिलक

गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो

गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो, राधा रमण हरी गोविन्द बोलो, राधा रमण हरी गोविन्द बोलो, गोविन्द बोलों हरी गोपाल बोलो || ब्रह्मा की जय जय विष्णु की जय जय, ब्रह्म