आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने

आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।

चंदा की चमक सूरज की महक तारों में समाने वाली है।
चंदा की चमक सूरज की महक तारों में समाने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।

गंगा की लहर यमुना की लहर सागर में समाने वाली है।
गंगा की लहर यमुना की लहर सागर में समाने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।

बरगद की महक पीपल की महक तुलसी में समाने वाली है।
बरगद की महक पीपल की महक तुलसी में समाने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।

ब्रम्हा के वेद विष्णु का शंख भक्तों मे समाने वाली है।
ब्रम्हा के वेद विष्णु का शंख भक्तों मे समाने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।

ताली की खनक कीर्तन की खनक सत्संग में समाने वाली है।
ताली की खनक कीर्तन की खनक सत्संग में समाने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है।

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