आ लौट के आजा भोलेनाथ तुझे माँ गौरा बुलाती है।
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश,
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
अंगों पे विभूति, गले में माला,
पहने हैं शंकर भोला।
तुम हो सबके पालनहार,
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
माथे पे चंदा, जटा में गंगा,
जटा से बहती धारा।
सबका करता तू बेड़ा पार,
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
हाथों में डमरू, पास में त्रिशूल,
नंदी पे करता सवारी।
सबका तू है पालनहार,
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
हर-हर महादेव! 🚩🙏
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