घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है, घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन, पागल कर जाती है, घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
सोने की होती तो, काम करती तुम मोल,
ये बाँस की होकर भी, दुनिया को नचाती है,
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है, घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
तुम मौर होते तो, काम कर जाते मोल,
जब काले हैम पर ही, दुनिया मर जाती है,
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है, घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
दुख दर्दों को सहना, बंसी ने सिखाया है,
इसके छेद से जाने में, फिर भी मुस्काती है,
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है, घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
कभी राग रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो,
कभी माधुर्य डोने की, मन में आ जाती है,
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है, घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
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