मैं वारी जाऊं रे, बलिहारी जाऊं रे |
म्हारे सतगुरु आंगण आया, मैं वारी जाऊं रे |
म्हारा सतगुरु आंगण आया, मैं गंगा गोमती नहाया,
रे मारी निर्मल हो गयी काया, मै वारी जाऊं रे,
मैं वारी जाऊं रे…
म्हारा सतगुरु दर्शन दीन्हा, म्हारा भाग उदय कर दीन्हा,
मेरा भरम वरम सब छीना, मै वारी जाऊं रे,
मैं वारी जाऊं रे…
सब सखी मिलकर आओ, केसर रा तिलक लगावो,
गुरुदेव ने बधाओं, मै वारी जाऊं रे
मैं वारी जाऊं रे…
म्हारी सत्संगी बन गयी भारी, थे गाओ मंगला चारी,
मेरी खुली ह्रदय की ताली, मै वारी जाऊं रे,
मैं वारी जाऊं रे…
दास नारायण जस गावे, चरणों में सीस नवायों,
मेरा सतगुरु पार उतारे, मै वारी जाऊं रे,
मैं वारी जाऊं रे…
मैं वारी जाऊं रे, बलिहारी जाऊं रे,
म्हारे सतगुरु आंगण आया, मैं वारी जाऊं रे,
मैं वारी जाऊं रे…
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