तेरा दर तो हकीकत में दुखियों का सहारा है

दरबार तेरा दरबारों में, कुछ खास अहमियत रखता है,
और जिसको जितना मिलता है, वो जैसी नियत रखता है।

तेरा दर हकीकत में दुखियों का सहारा है,
दरबार तेरा, मैया, जन्नत का नजारा है।

बिगड़ी हुई तकदीरें माँ पल में बनाती हो,
अब लाज रखो, मैया, हम सब ने पुकारा है,
तेरा दर हकीकत में।

जिसने भी पुकारा है, माँ दौड़ी चली आई है,
दरबार तेरा, मैया, जन्नत का नजारा है।

तेरे दर के ही टुकड़ों पर, हम सब का गुजारा है,
तेरा दर हकीकत में, दुखियों का सहारा है।

टूटी हुई कश्ती है, बड़ी दूर किनारा है,
मैया, तेरे टुकड़ों पर, हम सब का गुजारा है,
तेरा दर हकीकत में।

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