शिव तो ठहरे सन्यासी गौरां पछताओगी
शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरां पछताओगी भोला योगी संग कैसे, अरे जिंदगी बिताओगी शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरां पछताओगी ऊँचे ऊँचे पर्वत पर, शिव जी का डेरा है नंदी की
शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरां पछताओगी भोला योगी संग कैसे, अरे जिंदगी बिताओगी शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरां पछताओगी ऊँचे ऊँचे पर्वत पर, शिव जी का डेरा है नंदी की
तेरे डमरू की धुन सुनकर, तेरे दरबार आया हूं।। कृपा कर दे मेरे बाबा, कृपा कर दे मेरे भोले, मैं यह अरदास लाया हूं।। शरण में हूं तेरी बाबा, कृपा
कण कण में ॐ समाया है, प्रभु कैसी तुम्हारी माया है। कभी गणपति में ओम, कभी गौरा में ओम, रिद्धि-सिद्धि में ओम समाया है, प्रभु कैसी तुम्हारी माया है। कण
शिव कैलाशों के वासी शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा। शंकर संकट हरना, शंकर संकट हरना। तेरे कैलाशों का अंत ना पाया, अंत बेअंत तेरी माया। ओ भोले बाबा,
डम डम डमरू बजाना होगा, भोले मेरी कुटिया में आना होगा। 🌿 सावन के महीने में, गंगा जल लायेंगे, वही गंगाजल, हम भोले को चढ़ायेंगे। फिर तो भजन और कीर्तन
आ लौट के आजा भोलेनाथ तुझे माँ गौरा बुलाती है। तेरा सुना पड़ा रे कैलाश, तुझे माँ गौरा बुलाती है। आ लौट के आजा भोलेनाथ, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता, तो दुनियाँ में कोई हमारा ना होता । जबसे मिली है दया हमको इनकी, तो राहें बदल दी मेरी जिन्दगी की । नजारे
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार, यहाँ पे भी जो हारा, कहाँ जाऊंगा सरकार || सुख में कभी ना तेरी याद है आई, दुःख में सांवरिया तुमसे प्रीत
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का साथ देती नहीं यह किसी का क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का साथ देती नहीं यह किसी का सांस रुक जाएगी चलते चलते, शमा
आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो ऐसे वर को क्या वरु, जो जनमे और मर जाये वरीये गिरिधर लाल को, चुडलो अमर