2024

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, कर किरपा अपनायो। जन्म-जन्म की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो। खरच नाहि खूटे चोर नाहि लूटै, दिन-दिन

भोलानाथ अमली भोला शंकर अमली

भोलानाथ अमली, भोला शंकर अमली, बागॉं माय भांगडली घुटाय राखूंली। कॉंई बोऊँ काशीजी मं, कॉंई जी प्रयाग, कॉंई बोऊँ हर की पेडयॉं, कॉंई जी कैलास। भोलानाथ।। काशीजी मं केशर बोऊँ,

दीवाना तेरा आया, भोले तेरी नगरी में

दीवाना तेरा आया, भोले तेरी नगरी में, नज़राना दिल का लाया, भोले तेरी नगरी में, दीवाना तेरा आया, भोले तेरी नगरी में, मैं दीवाना मैं दीवाना, मैं दीवाना हो गया,