सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये। जाहि विधि रखे, राम ताहि विधि रहिये॥ मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में। तू अकेला नाहि प्यारे, राम तेरे साथ में विधि का
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये। जाहि विधि रखे, राम ताहि विधि रहिये॥ मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में। तू अकेला नाहि प्यारे, राम तेरे साथ में विधि का
ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियाँ॥ किलकि किलकि उठत धाय गिरत भूमि लटपटाय। थाय मात गोद लेत दशरथ की रनियाँ॥ पहला अंतरा: अंचल रज अंग झारि, विविध भाँति सो दुलारि। तन
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख, कर कञ्ज पद कञ्जारुणम्॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरज सुन्दरम्। पटपीत मानहुं तड़ित रुचि, सुचि नौमि
मिलता है सच्चा सुख केवल, भगवान तुम्हारे चरणों में। यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में। चाहे बैरी सब संसार बने, चाहे जीवन मुझ पर
मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नज़र तोहे लग जाएगी। तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका । प्यारा लागे तेरा पीला पटका। तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू
दुनिया चले ना श्री राम के बिना दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना। जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने छवि लगी मन श्याम की जब से, भई बावरी मैं तो तब से | बाँधी प्रेम की डोर मोहन से, नाता
बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को, बनवारी को, गिरिधारी को । कोई बता दे उसका पता, मेरो मन है गयो
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है यह मैं जानू या वो जाने मोहन से दिल क्यूँ लगाया है, यह मैं जानू या वो जाने । छलिया से दिल क्यूँ लगाया
भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी, हमसे ना घोटी जाए तेरी एक दीना की होए तो घोटु रोज ना घोटी जाए, बम