November 2024

मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मन तड़पत हरि दर्शन को आज मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज। आ विनती करत हूँ रखियो लाज ॥ तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी मेरी ओर नजर कब होगी

आरती श्री रामायण जी की कीरति कलित ललित सिय पी की ॥

आरती श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिया-पी की॥ गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक विज्ञान विशारद। शुक सनकादि शेष अरु शारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥ गावत वेद पुरान अष्टदस।

आरती युगलकिशोर की कीजै

आरती युगलकिशोर कि कीजै | तन मन धन न्यौछावर कीजै | रवि शशि कोटि बदन कि शोभा | ताहि निरखि मेरी मन लोभा | गौर श्याम मुख निखरत रीझै |

श्री सत्यनारायणजी की आरती

ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी जन पातक हरणा॥ ओम जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।। रत्‍‌न जडि़त सिंहासन अद्भुत छवि राजै। नारद करत निराजन

श्री रामचंद्र जी की आरती

श्री रामचंद्र जी की आरती आरती कीजै रामचन्द्र जी की। हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला। काली नाग नाथ लाये गोपाला॥ दूसरी आरती देवकी नन्दन। भक्त

श्री दुर्गा जी की आरती

श्री दुर्गा जी की आरती मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट करे॥ सुन जगदम्बा कर न विलम्बा,

देवउठनी ग्यारस: महत्व, परंपराएँ और विशेषताएँ

देवउठनी ग्यारस: महत्व, परंपराएँ और विशेषताएँ हिंदू धर्म में अनेक पर्व और त्योहार ऐसे हैं, जो न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करते हैं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध