April 2024

कोई जानेगा जाननहारा, साधो हरि बिन जग अंधियारा

कोई जानेगा जाननहारा, साधो हरि बिन जग अंधियारा। या घट भीतर सोना चांदी, यही में लगा बज़ारा, या घट भीतर हीरा मोती, यही में परखनहारा। या घट भीतर काशी-मथुरा, यही

कुछ लेना न देना मगन रहना

कुछ लेना न देना मगन रहना। पाँच तत्व का बना पिंजड़ा, जांमै बोले मेरी मैना। गहरी नदिया नाव पुरानी, खेवटिया से मिले रहना। तेरा साईं तेरे मन में बसत है,