दाता नहीं है श्री राम के जैसा सेवक नहीं है हनुमान के जैसा
दाता नहीं है श्री राम के जैसा, सेवक नहीं है हनुमान के जैसा || आंख उठा कर देखा जग में सारा जगत भिखारी, काम क्रोध मद लोभ मोह में लिपटे
दाता नहीं है श्री राम के जैसा, सेवक नहीं है हनुमान के जैसा || आंख उठा कर देखा जग में सारा जगत भिखारी, काम क्रोध मद लोभ मोह में लिपटे
मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी बंदगी से पहले ॥ मैं तो खाख था जरा सी, मेरी और क्या थी हस्ती, मैं
Santoshi Mata Ki Aarti जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता । अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता । मैया जय सन्तोषी माता । सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण
ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत, मैया जी को निस दिन सेवत हर विष्णु विधाता || ॐ जय || उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ओ मैया
सिंगाजी न लियो अवतार अमर आसी करणी , अमर आसी करणी जेख रेवा खिलाव गोद सदा सुख करणी लियो जनम खजुरी धाम धन्य धन्य आसी धरणी धन्य धन्य आसी धरणी
कोई जानेगा जाननहारा, साधो हरि बिन जग अंधियारा। या घट भीतर सोना चांदी, यही में लगा बज़ारा, या घट भीतर हीरा मोती, यही में परखनहारा। या घट भीतर काशी-मथुरा, यही
कुछ लेना न देना मगन रहना। पाँच तत्व का बना पिंजड़ा, जांमै बोले मेरी मैना। गहरी नदिया नाव पुरानी, खेवटिया से मिले रहना। तेरा साईं तेरे मन में बसत है,
घूंघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे। घट-घट रमता राम रमैया, कटुक बचन मत बोल रे। घूंघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे। रंग महल में दीप बरत
तुने मुझे बुलाया , खाटू वाले, मैं आया मैं आया, खाटू वाले, बाबा श्याम मेरे, ओ बाबा श्याम मेरे, हारे का बाबा तू हैं सहारा, जब भी हारा मैं तुझको
आके देखो हाल मेरा, श्यामधनी प्रभुवर-2 जा रहा हूँ मैं फिसलता, जैसे रेत पर-2 आके देखो हाल मेरा… इस जीवन का है मेरा सपना, दास बनू मैं तेरा-2 सब कुछ